
रामायण (Ramayan) का पाठ मनुष्य के लिए अत्यंत ही लाभप्रद है। इस कलियुग में रामायण का पाठ मनुष्य को अवश्य करना चाहिये. लेकिन वर्तमान में मनुष्य इतना व्यस्त रहता है की वो सम्पूर्ण रामायण का पाठ नहीं कर सकता है. समय का अभाव या फिर किसी अन्य कारण से सम्पूर्ण रामायण का पाठ नहीं कर पा रहें हैं वे इस एक श्लोकी रामायण का पाठ कर सकतें हैं।
आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

शास्त्रों के अनुसार, भागवत का पाठ करने से पुण्य मिलता है और समस्त पापों का नाश होता है, लेकिन वर्तमान समय में मनुष्य के पास संपूर्ण भागवत पढ़ने का समय नहीं रहता है । ऐसे में नीचे लिखे एक मंत्र का रोज जप करने से संपूर्ण भागवत पढ़ने का फल मिलता है। इस मंत्र को एक श्लोकी भागवत भी कहते हैं।
आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्।
माया पूज निकासु ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्।।
कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।
एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
प्रातकाल जल्दी स्नान कर साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। भगवान श्रीकृष्ण के चित्र के सामने आसन लगाकर तुलसी की माला लेकर इस मंत्र का जाप करें। आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
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